Eidgah | Premchand

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5 reviews for Eidgah | Premchand

  1. Aaditya meena

    मुंसी प्रेमचंद की कलम से निकली एक और बेहतरीन कहानी ईदगाह…
    इसे में कभी नहीं भूल सकता शायद ये मेरे स्कूल टाइम की सबसे बढ़िया कहानी थी. ये अपने आप में एक सम्पूर्ण कहानी हैं इसमें मुंसी जी ने कमाल कर दिया हैं.. कैसे एक बूढ़ी महिला जैसे तैसे अपना गुजारा करती हैं. और एक मासूम के माँ बाप ना होने पर उसका पूरा ध्यान रखती हैं.. और उसी रूप में एक बालक भी अपनी सम्पूर्ण इछाओ का बलिदान करते हुए अपनी बूढी दादी के बारे में सोचता हैं उसके दुःखी जीवन के बारे में उसकी पीड़ा के बारे में सोचता हैं.
    कहानी एक छोटे बच्चे हामिद और उसकी बूढी दादी के बारे में हैं जो उसे ईदगाह मेले में जाने के लिए कुछ पैसे देती हैं ताकि वो अपने लिए कुछ खरीद ले. पर हामिद को उसकी याद आता हैकि रोटी बनाते समय उसकी दादी के हाथ जल जाते हैं तो वो उसके लिए चिमटा ले आता हैं…
    यही इस कहानी में बताया गया हैं.. ये कहानी आपको अंत तक हिलाकर रख देगी.. मुंसी प्रेमचंद की ये कहानी आज के लोगो के लिए एक प्रेणादायक हैं… में तो बचपन से ही इस कहानी का दीवाना रहा हु.. और यदि आप भी इसे एक बार पढ़ेंगे तो मेरा दावा है आप इस कहानी को जीवन भर नहीं भुल पाओगे…

  2. Naglash

    प्रेमचंद जी की ये कहानी बहुत ही गजब प्रभाव छोड़ती है एक छोटे बच्चे का मेले में जाना और अपनी दादी के खाना बनाते वक्त जलते हाथो को याद कर उनके लिए चिमटा लेकर आना बहुत ही हृदयस्पर्शी है ,प्रेमचंद जी ने जिस खूबसूरती से इसे लिखा है पढने वाले कि आँखों मे आँसू आ जाएंगे

  3. Sourabh Sahu

    आजकल हर कोई यही कहता है मैंने ये फलां पिक्चर देखी या फलां सीरियल देखी और मुझे रोना आ गया और मै उनलोगो से बस यही कहूंगा की बचपन मे यह कहानी मैंने स्कूल मे पढ़ी थी जिसे पढ़कर मुझे रोना आया था, और आज भी जब मैंने यह कहानी पढ़ी तो वही जज़्बात फिर से ताज़ा हो गए और मैं फिर से भावुक हो उठा, मुंशी प्रेमचंद की ये अमर रचना हैl वैसे भी मुंशी जी तो हैं ही GOAT ( Greatest Of All Time)

  4. shivammathers

    मुंशी प्रेमचंद द्वारा रची गयी ये कहानी बचपन की याद दिला देती है। सबसे पहले ये कहानी स्कूल मे हिंदी की किताब मे पढ़ी थी। हँसी के साथ साथ प्रेम, प्रेरणा एवं खुशी से भरपूर ये कहानी हामिद नाम के 4 साल के एक अनाथ बच्चे की है जो अपनी दादी के साथ रहता है। गरीबी के बावजूद भी हामिद एक खुश एवं सकारात्मक सोच रखता है। जब ईद के बाजार मे उसके दोस्त खिलोने एवं मिठाईया खरीद रहे होते है तब हामिद केवल एक चिमटा खरीद के घर वापस चला जाता है। हामिद वो चिमटा क्यों और किस वजह से खरीदता है उसे जानने के लिए आपको ये कहानी जरूर पढ़नी चाहिए।

  5. GireeshChandra Dewangan

    शीर्षक- ईदगाह
    लेखक- मुंशी प्रेमचंद
    ईदगाह कहानी है एक छोटे बच्चे हामिद की. हामिद के माँ बाप नहीं है और वो अपनी बूढ़ी गरीब दादी के साथ रहता है. बहुत गरीबी के बाद भी दादी हामिद को ईद के मेले में जाने के लिए कुछ पैसे देती है. हामिद का बाल मन मेले में जाने के लिए कैसे लालायित होता है, वहां जाने पर वो क्या सोचता है उसका बहुत खूबसूरत वर्णन प्रेमचंद जी ने इस कहानी में किया है.
    ये कहानी हमसे बहुत कुछ कहती है, आज के समय में हम दिखावटी चीज़ों के पीछे भागते हैं, पर वो कितना सही है. क्या हम भी हामिद की तरह फैसले लेते हैं या नहीं. सोचने की बात है.

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