दो बैलों की कथा,
नाम सुन के तो लगता है जैसे कोई बच्चो की कहानी होंगी। शुरुवात मे दो बैलो का इंसानों जैसे बात करना थोड़ा सा अटपटा जरूर लग सकता है। परन्तु मानवीकरण से जो सन्देश मिलेगा वह आपको जरूर अंदर से झकझोर देगा। यह कहानी आपको बताएगी की इंसान हो या पशु, दोनों मे उतनी ही संवेदनशीलता होती है। साथ ही अगर हम मिल के कोई कार्य करे तो कुछ भी मुश्किल नहीं। एक बार पढ़ के देखें, शायद मेरे शब्द जो कम पड़े हों, वो कसर भी पूरी हो जाये।
Dhanyawaad
Rated 5 out of 5
shivammathers –
बहुत ही अच्छे से इस कहानी मे दो बैलो को आम इंसानो जैसे बात करता दिखाया गया है, कैसे ये दो बैल हिंदी भाषा मे एक दूसरे से बात करते है, पशुओं की मानसिकता, उनकी इच्छाओं को दर्शाती ये कथा दो बैलो की है जो अपने मालिक से बचके भागना चाहते है। युवा पीढ़ी को यह कथा जरूर पढ़नी चाहिए।
Rated 5 out of 5
Naglash –
प्रेमचंद जी की एक उत्तम रचना जिसमें दो बैलो को इंसानों की तरह अपनी समस्याओं को एक दूसरे से बांटते दिखाया गया है, बहुत ही उत्तम तरीके से उनकी संवेदनाओं को प्रेमचंद जी ने प्रस्तुत किया है ,जरूर पढ़नी चाहिए ये कहानी
Achalesh tripathi –
दो बैलों की कथा,
नाम सुन के तो लगता है जैसे कोई बच्चो की कहानी होंगी। शुरुवात मे दो बैलो का इंसानों जैसे बात करना थोड़ा सा अटपटा जरूर लग सकता है। परन्तु मानवीकरण से जो सन्देश मिलेगा वह आपको जरूर अंदर से झकझोर देगा। यह कहानी आपको बताएगी की इंसान हो या पशु, दोनों मे उतनी ही संवेदनशीलता होती है। साथ ही अगर हम मिल के कोई कार्य करे तो कुछ भी मुश्किल नहीं। एक बार पढ़ के देखें, शायद मेरे शब्द जो कम पड़े हों, वो कसर भी पूरी हो जाये।
Dhanyawaad
shivammathers –
बहुत ही अच्छे से इस कहानी मे दो बैलो को आम इंसानो जैसे बात करता दिखाया गया है, कैसे ये दो बैल हिंदी भाषा मे एक दूसरे से बात करते है, पशुओं की मानसिकता, उनकी इच्छाओं को दर्शाती ये कथा दो बैलो की है जो अपने मालिक से बचके भागना चाहते है। युवा पीढ़ी को यह कथा जरूर पढ़नी चाहिए।
Naglash –
प्रेमचंद जी की एक उत्तम रचना जिसमें दो बैलो को इंसानों की तरह अपनी समस्याओं को एक दूसरे से बांटते दिखाया गया है, बहुत ही उत्तम तरीके से उनकी संवेदनाओं को प्रेमचंद जी ने प्रस्तुत किया है ,जरूर पढ़नी चाहिए ये कहानी