प्रेमचंद जी ने बचपन के बाद जवानी में कैसे 2 भाइयों का व्यवहार बदलता है उसके बारे में ये कहानी लिखी है जिसमे उनकी माँ याद करती है कि कैसे बचपन मे दोनों भाई एक दूसरे के लिए जान छिड़कते थे और अब कैसे समझदार होने के बाद उनमे परिवर्तन आ गया, तो क्या वापस भाइयों ने एक दूसरे का मूल्य समझा या माँ पछताती रही कि कैसे बेटों को उसने जन्म दिया
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प्रेमचंद जी ने बचपन के बाद जवानी में कैसे 2 भाइयों का व्यवहार बदलता है उसके बारे में ये कहानी लिखी है जिसमे उनकी माँ याद करती है कि कैसे बचपन मे दोनों भाई एक दूसरे के लिए जान छिड़कते थे और अब कैसे समझदार होने के बाद उनमे परिवर्तन आ गया, तो क्या वापस भाइयों ने एक दूसरे का मूल्य समझा या माँ पछताती रही कि कैसे बेटों को उसने जन्म दिया